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हिमालयी ग्लेशियर ढहने से उत्तराखंड में आई विनाशकारी बाढ़: विशेषज्ञों की चेतावनी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को आई भीषण बाढ़ के कारण कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग लापता हो गए। प्रारंभ में इसे बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) का परिणाम माना गया था, लेकिन अब विशेषज्ञों का मानना है कि यह आपदा हिमालयी ग्लेशियर के अचानक ढहने या ग्लेशियर झील के फटने (Glacial Lake Outburst Flood - GLOF) के कारण हुई।


विशेषज्ञों के अनुसार, लगभग 360 मिलियन घन मीटर ग्लेशियर मलबा अचानक ढहने से यह बाढ़ आई। यह घटना ग्लेशियरों के पिघलने और अस्थिर मलबे के जमा होने के कारण हो रही प्राकृतिक आपदाओं का संकेत देती है। 


Source: X(Twitter)
Source: X(Twitter)

इस घटना के बाद, भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) ने बचाव कार्य शुरू किया। अब तक लगभग 200 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन रास्तों के अवरुद्ध होने के कारण बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है।


विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों का पिघलना और अस्थिर मलबे का जमा होना ऐसी आपदाओं के बढ़ने का कारण बन रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते सावधानियां नहीं बरती गईं, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।


यह घटना हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को स्पष्ट रूप से दर्शाती है और इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की मजबूती और आपदा प्रबंधन की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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