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शिवाजी पार्क दशहरा रैली में खींचतान, उद्धव कोर्ट में जीते, शिंदे बैकफुट पर।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े से जुड़े शिवसेना विधायक सदा सर्वंकर के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज कर दिया।

अदालत ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को 5 अक्टूबर को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली (या 'मेलवा' के रूप में जाना जाता है) आयोजित करने की अनुमति देने का निर्देश दिया।


उच्च न्यायालय ने स्थानीय पुलिस थाने को किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या से बचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया और विभाग से घटना की वीडियो-रिकॉर्डिंग करने को कहा।

इसके तुरंत बाद, ठाकरे समूह के समर्थकों के बीच जश्न शुरू हो गया।


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एक दिन पहले, अदालत ने ठाकरे गुट को बीएमसी के फैसले को चुनौती देने के लिए अपनी याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी थी और मामले को शुक्रवार के लिए पोस्ट कर दिया था।

न्यायमूर्ति रमेश डी धानुका और न्यायमूर्ति कमल खटा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई की।


बीएमसी ने पहले स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर किसी भी गुट को रैली आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि इस घटना से क्षेत्र में कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है।


बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना 1966 से हर साल दशहरे पर रैली कर रही है। कोविड -19 महामारी के कारण दो साल बाद आयोजित होने वाला यह आयोजन इस साल शिवसेना में विभाजन के मद्देनजर महत्व रखता है।

अगस्त में ठाकरे ने कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करेंगे।


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