रिलायंस (Reliance) की संस्था वंतारा (Vantara) जांच के दायरे में?
- Asliyat team

- Aug 26
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सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जमनगर में स्थित वंतारा— जो एक वाइल्डलाइफ रेस्क्यू तथा संरक्षण केन्द्र है, और जिसे रिलांस फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जाता है — के खिलाफ एक स्वतंत्र जांच (Special Investigation Team – SIT) का आदेश दिया है। यह कदम दो सार्वजनिक हित याचिकाओं (PILs) के आधार पर उठाया गया है, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख आरोप शामिल हैं:
जानवरों का अनियमित अधिग्रहण (विशेषकर हाथियों) भारत और विदेशों से।
अनैतिक व्यवहार या पशु mistreatment।
वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट (1972), CITES और अन्य संबंधित कानूनों का उल्लंघन।
वित्तीय अनियमितताएं, पानी/कार्बन क्रेडिट्स का दुरुपयोग, और मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी शिकायतें।
वंतारा के औद्योगिक क्षेत्र के पास होने के कारण क्लाइमेट और पर्यावरणीय उपयुक्तता पर चिंता।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है जो इन आरोपों को प्रमाणित करते हों, परन्तु यह जांच "सच की स्थिति जानने" और "न्याय की रक्षा" के लिए आवश्यक है। इस जांच के लिए एक SIT गठित की गई है, जिसका नेतृत्व पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश Justice J. Chelameswar करेंगे, जिसमें अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। SIT से 12 सितंबर 2025 तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है; इसके बाद अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी। वंतारा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूर्ण सम्मान करते हुए पूरी सहयोग की बात कही है।

संक्षेप में, रिलायंस-स्वामित्व वाला वंतारा इसलिए जांच के घेरे में है क्योंकि उस पर जानवरों के अधिग्रहण और देखभाल में कथित अनियमितताओं की शिकायतें उठी हैं — हालांकि फिलहाल इसके लिए ठोस प्रमाण नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्षता और नियमानुसार प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह SIT जांच लागू की है।







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