मध्य प्रदेश में, स्थाई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को काम से हटा दिया
- Ruchika Bhadani
- Apr 2, 2022
- 2 min read
मध्य प्रदेश में, स्थाई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को काम से हटा दिया, सरकार ने बजट की कमी को मुख्य कारन बताया। कोरोना काल में सभी लोगों ने डॉक्टर को अपना मसीहा मान लिया था। धरती पर जीते जागते भगवान का नाम देकर जिन्हें हमने सबसे ऊपर रखा, आज उसी मसीहे को सरकार ने यह बोल कर पद से उतार दिया की अब सरकार के पास बजट नहीं है। क्या यह अन्याय नही है?
मध्य प्रदेश में कोरोना काल में नियुक्त किए गए डॉक्टर, और पैरामेडिकल के डॉक्टरों को सरकार ने दूध में पड़े मक्खी की तरह बहार निकाल कर फेक दिया। जब संक्रमित कोरोना की लाशों को कोई देखता तक नहीं था, तब इन्हीं डॉक्टरों ने उसे हाथ लगाया था, इलाज किया था, यहां तक की अंतिम संस्कार भी किया था। अपनी जान की परवाह किए बिना जिन लोगों ने कोरोना काल में लोगों की इतनी मदद की आज वो लोग ही दर दर भटकने को मजबूर है। आज उन्हें ही नौकरी से निकाल दिया गया है। अब सरकार को इनकी कोई जरूरत नहीं है, जबकि मध्य प्रदेश में डॉक्टर की वेकेंसी आधे से ज्यादा खाली है।

31 मार्च से ही पूरे मध्य प्रदेश में स्थाई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को अपने काम से निकल दिया गया है, यह बोल कर की सरकार के पास बजट नहीं है, और अब सरकार को इनकी जरूरत नहीं है।
काम से निकाले गए डॉक्टर का कहना है की जब हाहाकार मचा था तब हमें काम पर रखा था, जब किसी ने नहीं तो पूरी देश की हमने मदद की और अब हमें निकाला जा रहा है, सरकार से यही प्रार्थना है की कहीं और , किसी और सेक्टर में हमें काम दे दे।
31 मार्च को काम का आखिरी दिन था, सब लोग बहुत ही इमोशनल हो गए थे। ऐसे में सरकार से बस न्याय की मांग है।
Comments