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भारत में एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद हवाई यात्री संख्या में गिरावट की संभावना: रिपोर्ट

12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, जिसमें 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्य सहित 39 से अधिक लोग मारे गए, भारतीय विमानन उद्योग में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस घटना के बाद, एयर इंडिया ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15% की अस्थायी कमी की घोषणा की है, जिससे हवाई यात्री संख्या में गिरावट की संभावना जताई जा रही है।


एयर इंडिया ने सुरक्षा जांचों के मद्देनजर अपनी 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की गहन निरीक्षण प्रक्रिया शुरू की है। अब तक, 33 विमानों में से 26 विमानों का निरीक्षण पूरा हो चुका है, जबकि शेष विमानों का निरीक्षण जारी है। इसके परिणामस्वरूप, एयर इंडिया ने 20 जून से 15 जुलाई तक अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15% की कमी की घोषणा की है। इसके अलावा, तीन अंतरराष्ट्रीय मार्गों को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है। 


हालांकि कोलकाता हवाई अड्डे पर यात्री संख्या स्थिर रही है, लेकिन अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्री संख्या में गिरावट की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, विमानन सुरक्षा में कमी और उड़ानों में देरी से यात्री विश्वास प्रभावित हो सकता है, जिससे हवाई यात्री संख्या में गिरावट हो सकती है।


केंद्र सरकार ने इस घटना के बाद विमानन सुरक्षा और एयरलाइन संचालन की व्यापक समीक्षा शुरू की है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन और अन्य एयरलाइनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें सुरक्षा जांचों, मध्य-पूर्व में तनाव और उड़ान विलंबों पर चर्चा की गई। 

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