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भारत की पहली टेम्पर्ड ग्लास फैक्ट्री — नोएडा

30 अगस्त 2025 को, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा में भारत की पहली टेम्पर्ड ग्लास (मोबाइल स्क्रीन प्रोटेक्टर) निर्माण संयंत्र का औपचारिक उद्घाटन किया । इस उद्योग की स्थापना Optiemus Infracom ने अमेरिकी मटेरियल टेक्नोलॉजी कंपनी Corning Incorporated के साथ साझेदारी में की है, और यह “Engineered by Corning” ब्रांड के तहत ग्लास उत्पाद करेगी।


आर्थिक निवेश और क्षमता विस्तार

  • प्रारंभिक निवेश: ₹70 करोड़ (फेज 1)• वार्षिक उत्पादन क्षमता: 2.5 करोड़ (25 मिलियन) यूनिट• सीधा रोजगार: लगभग 600 नौकरियाँ

  • विस्तार योजना (फेज 2): अतिरिक्त निवेश ₹800 करोड़• क्षमता बढ़कर: 20 करोड़ (200 मिलियन) यूनिट प्रति वर्ष• अनुमानित रोजगार: 4,500 से अधिक नौकरियाँ


तकनीकी संरचना व उत्पादन प्रक्रिया

इस सुविधा में निम्नलिखित चरणों के माध्यम से उन्नत प्रक्रियाएँ शामिल हैं:

  • स्क्रीबींग(scribing), आकार देना (shaping), पॉलिशिंग

  • रासायनिक टेम्परिंग, कोटिंग, प्रिंटिंग, लेमिनेशन

  • प्रत्येक चरण में गुणवत्ता नियंत्रण (quality inspection) सुनिश्चित किया गया है।


बाजार संभावनाएँ

  • घरेलू मांग (डोमेस्टिक): ~500 मिलियन टेम्पर्ड ग्लास प्रति वर्ष, अनुमानित मूल्य ₹20,000 करोड़ ।

  • वैश्विक बाजार: लगभग $60 अरब (USD)।

  • नए ब्रांड: Optiemus जल्द ही ‘RhinoTech’ नामक ‘Made-in-India’ टेम्पर्ड ग्लास के तहत बिक्री शुरू करेगा, जिसमें एक वर्ष की वारंटी और अनलिमिटेड रिप्लेसमेंट की सुविधा होगी। सरकारी दृष्टिकोण और राय

    • वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र की उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र किया — पिछले 11 वर्षों में छह गुना वृद्धि, जिसकी अब मौजूदा उत्पादन मूल्य ₹11.5 लाख करोड़ और निर्यात ₹3–3.5 लाख करोड़ तक पहुँच गया है, और 25 लाख लोग इस क्षेत्र में सीधे व अप्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे हैं।


    • उन्होंने Optiemus को वर्तमान अनुसंधान (R&D) टीम — जो अब मात्र 40 लोगों की है — को बढ़ाकर 400 करने का सुझाव दिया, ताकि डिज़ाइन व उत्पादन क्षमता मजबूत हो सके।


    इस पहल को ‘Make in India’ और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) का एक प्रमुख कदम माना जा रहा है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में वस्तु निर्माण से लेकर समग्र वस्तु श्रृंखला (value chain) में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।


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  • महत्व और औद्योगिक प्रभाव

    • यह संयंत्र भारत को मोबाइल एक्सेसरीज निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रथम कदम है, विशेषकर टेम्पर्ड ग्लास से संबंधित उत्पादों में जो अब तक आयात पर निर्भर थे।

    • MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) व रोजगार सृजन के अवसर पैदा होंगे, साथ ही निर्यात क्षमता को भी बढ़ावा मिलेगा।

    • यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादक परिदृश्य को नई ऊर्जा देगा, और ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत का हिस्सा मजबूत करेगा।

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