बिलावल भुट्टो का यू-टर्न: 'खून बहेगा' की धमकी के बाद अब भारत से शांति की अपील
- Asliyat team

- May 6
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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने हाल ही में भारत के साथ शांति वार्ता की इच्छा जताई है, जो उनके पिछले आक्रामक बयानों से एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद आया है।
बिलावल ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कहा, "अगर भारत शांति के मार्ग पर चलना चाहता है, तो वह खुले हाथों और सच्चाई के साथ आए, न कि मुट्ठी बांधकर और झूठ के साथ। आइए, हम पड़ोसी के रूप में बैठें और सच्चाई से बात करें।" हालांकि, इससे पहले 25 अप्रैल को सिंधु नदी के किनारे एक जनसभा में उन्होंने कहा था, "या तो इस सिंधु में हमारा पानी बहेगा, या उनका खून।"
बिलावल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार है और वह आतंकवाद का निर्यातक नहीं है। उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह कश्मीर में राज्य प्रायोजित आतंकवाद का अभ्यास कर रहा है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद, पाकिस्तान ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की बात कही।
इस बीच, भारत ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और बिलावल भुट्टो के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक कर दिया है। बिलावल भुट्टो के इस यू-टर्न को पाकिस्तान में आंतरिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बीच एक रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति, जल संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, बिलावल भुट्टो का यह नया रुख दोनों देशों के बीच संवाद की संभावनाओं को पुनर्जीवित कर सकता है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि यह बयान वास्तविक शांति प्रयासों में कैसे तब्दील होता है।







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