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प्रियंका गांधी ने लोकसभा में 'हिंदू' बनाम 'भारतीय' विवाद पर दिया करारा जवाब: 'वे भारतीय थे'


लोकसभा में ऑपरेशन सिन्दूर पर जारी चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के शिकार लोगों की पहचान को लेकर उठे विवाद पर करारा जवाब दिया। जब कुछ सांसदों ने हमले के शिकार लोगों को 'हिंदू' बताने की कोशिश की, प्रियंका गांधी ने सख्त लहजे में कहा, "वे भारतीय थे," इस तरह उन्होंने सदन में यह संदेश दिया कि देशवासियों की पहचान केवल उनके धर्म से नहीं, बल्कि उनकी राष्ट्रीयता से निर्धारित होती है।


प्रियंका गांधी ने हमले में मारे गए 25 भारतीय नागरिकों के नाम पढ़े और कहा, "मैं उनके नाम इसलिए पढ़ रही हूं ताकि हर सांसद समझे कि वे भी हमारे जैसे इंसान थे, न कि राजनीतिक मोहरे।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस हमले के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, और उन आरोपियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए जिन्होंने निर्दोष लोगों की जान ली।


इस दौरान, गृह मंत्री अमित शाह ने सोनिया गांधी के 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ पर आंसू बहाने का जिक्र किया था, जिसका प्रियंका गांधी ने जवाब देते हुए कहा, "मेरी मां के आंसू उस समय गिरे थे जब आतंकवादियों ने मेरे पिता को मार डाला था।" उन्होंने यह बयान राजनीतिक बयानबाजी से इतर, आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय एकजुटता की आवश्यकता पर जोर देते हुए दिया।


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प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय त्रासदियों को राजनीतिक बयानों में तब्दील कर देती है और नागरिकों के प्रति जवाबदेही से बचती है। उनका यह बयान संसद में एक महत्वपूर्ण पल साबित हुआ, जिसमें उन्होंने पीड़ितों की पहचान को लेकर सांप्रदायिक राजनीति की कोशिशों को नकारते हुए उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में सम्मानित किया।


प्रियंका गांधी का यह बयान विपक्ष की ओर से आने वाली सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ एक स्पष्ट और दृढ़ संदेश था, जिसमें उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि देश के नागरिकों को उनके धर्म से परे, एकजुट और सम्मानित तरीके से देखा जाए।

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