प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वल निकम से पूछा, 'हिंदी में बोलूं या मराठी में?'
- Asliyat team

- Jul 14
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किए गए प्रसिद्ध विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत का एक दिलचस्प किस्सा साझा किया है। निकम ने बताया कि शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन किया और पूछा, "मैं हिंदी में बोलूं या मराठी में?" इस पर दोनों मुस्कराए और फिर प्रधानमंत्री मोदी ने मराठी में बात की। उन्होंने निकम को सूचित किया कि राष्ट्रपति उन्हें राज्यसभा में जिम्मेदारी सौंपना चाहती हैं। निकम ने तुरंत सहमति व्यक्त की और इस सम्मान के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त किया।
निकम ने यह भी कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि उन्होंने कभी भी राज्यसभा में नामित होने की उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वह अपनी नई जिम्मेदारी को ईमानदारी और निष्ठा से निभाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी निकम की राज्यसभा में नामनियुक्ति पर उन्हें बधाई दी और उनके कानूनी क्षेत्र और संविधान के प्रति समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि निकम ने न केवल एक सफल वकील के रूप में कार्य किया है, बल्कि महत्वपूर्ण मामलों में न्याय की प्राप्ति के लिए भी अग्रणी रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा में नामित किया है।
उज्ज्वल निकम को विशेष रूप से 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी अजमल कसाब के खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से उनके प्रभावशाली कार्य के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, उन्होंने 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे महत्वपूर्ण मामलों में भी अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की है।
निकम के साथ प्रधानमंत्री मोदी की यह बातचीत उस समय हुई है जब महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा को लेकर विवाद जारी है। हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में तीन भाषाओं मराठी, हिंदी और अंग्रेजी के पढ़ाने के आदेश को वापस लेना पड़ा था, जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं ने हिंदी को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी।







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