पीएम मोदी का मणिपुर दौरा: हिंसा के बाद भरोसा बहाल करने की कोशिश
- Asliyat team

- Sep 13
- 4 min read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया। यह उनका पहला दौरा है जब उन्होंने 2023 में हुई जातीय हिंसा के बाद राज्य का रुख किया। उस हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान गई थी और लगभग 60,000 लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। लंबे समय से राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित परिवारों से मुलाकात करना इस यात्रा का सबसे संवेदनशील और मानवीय पहलू रहा।
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले चुराचांदपुर जिले का दौरा किया, जहाँ उन्होंने राहत शिविरों में ठहरे लोगों और उनके बच्चों से बात की। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति और भाईचारे की बहाली ही विकास की नींव है और केंद्र सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके बाद उन्होंने वहाँ लगभग 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास किया जिनमें सड़क, शिक्षा, जल निकासी और महिला होस्टल जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं।
इम्फाल में प्रधानमंत्री ने करीब 1,200 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें नया पुलिस मुख्यालय, सिविल सचिवालय, सरकारी कॉलेज और महिला बाजार जैसी परियोजनाएँ प्रमुख हैं। उनका कहना था कि इन विकास कार्यों से राज्य में नई ऊर्जा का संचार होगा और लोग हिंसा की कड़वी यादों से आगे बढ़ सकेंगे।
दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इम्फाल और चुराचांदपुर में कड़े इंतज़ाम किए गए और कई इलाकों को नो-ड्रोन जोन घोषित किया गया। इस बीच विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की यात्रा पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यह दौरा अधिकतर राजनीतिक है न कि मानवीय।
हालाँकि, जनता के बीच उम्मीदें भी जुड़ी हैं। लोग चाहते हैं कि विकास योजनाएँ सिर्फ घोषणाओं तक न सीमित रहें, बल्कि ज़मीनी स्तर पर इन्हें तेजी से लागू किया जाए। समुदायों के बीच की खाई को पाटना और आपसी भरोसा कायम करना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है।
पीएम मोदी का यह दौरा मणिपुर के लिए केवल विकास की नई शुरुआत नहीं है बल्कि इसे शांति और पुनर्निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य के लोग अब यह देखना चाहते हैं कि इन वादों और परियोजनाओं से उनकी ज़िंदगी में कितनी ठोस और सकारात्मक बदलाहट आती है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया। यह उनका पहला दौरा है जब उन्होंने 2023 में हुई जातीय हिंसा के बाद राज्य का रुख किया। उस हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान गई थी और लगभग 60,000 लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। लंबे समय से राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित परिवारों से मुलाकात करना इस यात्रा का सबसे संवेदनशील और मानवीय पहलू रहा।
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले चुराचांदपुर जिले का दौरा किया, जहाँ उन्होंने राहत शिविरों में ठहरे लोगों और उनके बच्चों से बात की। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति और भाईचारे की बहाली ही विकास की नींव है और केंद्र सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके बाद उन्होंने वहाँ लगभग 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास किया जिनमें सड़क, शिक्षा, जल निकासी और महिला होस्टल जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं।
इम्फाल में प्रधानमंत्री ने करीब 1,200 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें नया पुलिस मुख्यालय, सिविल सचिवालय, सरकारी कॉलेज और महिला बाजार जैसी परियोजनाएँ प्रमुख हैं। उनका कहना था कि इन विकास कार्यों से राज्य में नई ऊर्जा का संचार होगा और लोग हिंसा की कड़वी यादों से आगे बढ़ सकेंगे।
दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इम्फाल और चुराचांदपुर में कड़े इंतज़ाम किए गए और कई इलाकों को नो-ड्रोन जोन घोषित किया गया। इस बीच विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की यात्रा पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यह दौरा अधिकतर राजनीतिक है न कि मानवीय।
हालाँकि, जनता के बीच उम्मीदें भी जुड़ी हैं। लोग चाहते हैं कि विकास योजनाएँ सिर्फ घोषणाओं तक न सीमित रहें, बल्कि ज़मीनी स्तर पर इन्हें तेजी से लागू किया जाए। समुदायों के बीच की खाई को पाटना और आपसी भरोसा कायम करना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है।
पीएम मोदी का यह दौरा मणिपुर के लिए केवल विकास की नई शुरुआत नहीं है बल्कि इसे शांति और पुनर्निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य के लोग अब यह देखना चाहते हैं कि इन वादों और परियोजनाओं से उनकी ज़िंदगी में कितनी ठोस और सकारात्मक बदलाहट आती है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया। यह उनका पहला दौरा है जब उन्होंने 2023 में हुई जातीय हिंसा के बाद राज्य का रुख किया। उस हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान गई थी और लगभग 60,000 लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। लंबे समय से राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित परिवारों से मुलाकात करना इस यात्रा का सबसे संवेदनशील और मानवीय पहलू रहा।
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले चुराचांदपुर जिले का दौरा किया, जहाँ उन्होंने राहत शिविरों में ठहरे लोगों और उनके बच्चों से बात की। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति और भाईचारे की बहाली ही विकास की नींव है और केंद्र सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके बाद उन्होंने वहाँ लगभग 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास किया जिनमें सड़क, शिक्षा, जल निकासी और महिला होस्टल जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं।
इम्फाल में प्रधानमंत्री ने करीब 1,200 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें नया पुलिस मुख्यालय, सिविल सचिवालय, सरकारी कॉलेज और महिला बाजार जैसी परियोजनाएँ प्रमुख हैं। उनका कहना था कि इन विकास कार्यों से राज्य में नई ऊर्जा का संचार होगा और लोग हिंसा की कड़वी यादों से आगे बढ़ सकेंगे।
दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इम्फाल और चुराचांदपुर में कड़े इंतज़ाम किए गए और कई इलाकों को नो-ड्रोन जोन घोषित किया गया। इस बीच विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री की यात्रा पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यह दौरा अधिकतर राजनीतिक है न कि मानवीय।
हालाँकि, जनता के बीच उम्मीदें भी जुड़ी हैं। लोग चाहते हैं कि विकास योजनाएँ सिर्फ घोषणाओं तक न सीमित रहें, बल्कि ज़मीनी स्तर पर इन्हें तेजी से लागू किया जाए। समुदायों के बीच की खाई को पाटना और आपसी भरोसा कायम करना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है।
पीएम मोदी का यह दौरा मणिपुर के लिए केवल विकास की नई शुरुआत नहीं है बल्कि इसे शांति और पुनर्निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य के लोग अब यह देखना चाहते हैं कि इन वादों और परियोजनाओं से उनकी ज़िंदगी में कितनी ठोस और सकारात्मक बदलाहट आती है।







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