पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी बने अध्यक्ष
- Asliyat team

- May 1
- 2 min read
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया है। इस नए बोर्ड की अध्यक्षता पूर्व रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) प्रमुख आलोक जोशी को सौंपी गई है।
NSAB में अब कुल सात सदस्य होंगे, जिनमें तीन सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, दो पूर्व आईपीएस अधिकारी और एक पूर्व भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी शामिल हैं। सेना से जुड़े सदस्यों में पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना शामिल हैं। आईपीएस से राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह, तथा विदेश सेवा से बी. वेंकटेश वर्मा को बोर्ड में नियुक्त किया गया है।
NSAB का गठन पहली बार दिसंबर 1998 में हुआ था, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को दीर्घकालिक विश्लेषण और नीति सुझाव प्रदान करना है। इसका अंतिम पुनर्गठन 2018 में हुआ था, जब पी.एस. राघवन इसके अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे।
यह पुनर्गठन ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने पाकिस्तान पर पहलगाम हमले में आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया है। इस हमले में 26 लोगों की मृत्यु हुई थी, जिनमें अधिकांश भारतीय पर्यटक थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने सशस्त्र बलों को "पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता" प्रदान की है। सरकार ने इसके अलावा सिंधु जल संधि को निलंबित करने, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा रद्द करने और मुख्य सीमा पार बिंदु को बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।
पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी की नियुक्ति को सुरक्षा विशेषज्ञ एक रणनीतिक निर्णय मानते हैं, जो भारत की सुरक्षा नीति को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक होगा। इस पुनर्गठन से यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधियों के प्रति सख्त रुख अपनाए हुए है।







Comments