दिल्ली कोर्ट ने मंजूर किया CBI का क्लोजर रिपोर्ट: नजीब अहमद का मिसिंग केस बंद करने की दी इजाजत
- Asliyat team

- Jun 30
- 2 min read
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को पंजाबियाई जैवप्रौद्योगिकी छात्र और जेएनयू के पूर्व छात्र नजीब अहमद के 2016 में अचानक गायब हो जाने की जांच को बंद करने का आदेश देने में CBI को अधिकार दिया है। अदालत अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी ने केंद्रीय जांच एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें उपयुक्त निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए।
नजीब का घर से अनजान तरीके से 15 अक्टूबर 2016 को नो शोर में गायब होना, उस रात उसके और ABVP के विधार्थियों के बीच हुई झड़प के तुरंत बाद हुआ था। पुलिस ने उस समय गुमशुदगी का मामला दर्ज किया था, लेकिन नजीब का कोई सुराग नहीं लग पाया। तब जांच दिल्ली पुलिस के हाथों शुरू हुई, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर CBI को सौंप दी गई।
CBI ने अक्टूबर 2018 में कहा था कि उसने सभी संभावित रास्ते खोजे, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। केस बंद करने की अनुमति 30 जून 2025 को अदालत से मिली। अदालत ने यह भी नोट किया कि अगर भविष्य में कोई नई “विश्वसनीय जानकारी” सामने आती है, तो जांच दोबारा शुरू की जा सकती है ।
नजीब की माँ फातिमा नफीस ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को राजनीतिक दबाव से प्रेरित बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि एजेंसी ने “अपने मालिकों के दबाव में” आकर जांच अधूरी छोड़ी। लेकिन अदालत ने यह निर्णय स्वीकार किया कि एजेंसी ने पूरी पारदर्शिता से सभी पहलुओं को पेड़कर पर्याप्त प्रयास किए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “CBI ने विवेचन में निष्क्रियता नहीं दिखाई; लेकिन कुछ मामलों में चाहे जितनी जाँच हो, अंततः सत्य तक पहुंचना संभव नहीं होता।” उन्होंने यह भी व्यक्त किया कि परिवार को कानूनी बंदिशों पर रहकर न्याय नहीं मिल पाया, जो “दुखद” है।







Comments