दिल्ली कैबिनेट ने निजी और सरकारी स्कूलों में फीस नियंत्रण हेतु विधेयक को दी मंजूरी
- Asliyat team
- Apr 30
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दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए निजी और सरकारी स्कूलों में फीस वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसका उद्देश्य स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से की जाने वाली फीस वृद्धि को रोकना और शिक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिया है। यह विधेयक दिल्ली के सभी 1,677 सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू होगा, जिससे फीस निर्धारण की प्रक्रिया में स्पष्टता और पारदर्शिता आएगी।"
इस विधेयक के तहत, स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि के लिए तीन-स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें स्कूल स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर की समितियाँ शामिल होंगी। यदि कोई स्कूल सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उस पर ₹1 लाख से ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि यह विधेयक 18 प्रावधानों पर आधारित होगा, और इसका उद्देश्य अभिभावकों, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन के बीच सहयोग स्थापित करना है। उन्होंने कहा, "यह विधेयक स्कूलों को मनमानी फीस वृद्धि से रोकने और शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने का प्रयास है।"
इस निर्णय से पहले, दिल्ली के कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों द्वारा की गई अत्यधिक फीस वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए थे। इसके जवाब में, शिक्षा निदेशालय ने 11 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए और 20 से अधिक स्कूलों में डमी स्कूलीकरण की शिकायतों की जांच शुरू की थी।
सरकार ने स्कूल प्रबंधन समितियों (SMCs) को भंग कर दिया है और 9 मई को नए चुनाव कराने की घोषणा की है, ताकि अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, अभिभावकों की शिकायतों के लिए एक आधिकारिक ईमेल पता (ddeact1@gmail.com) भी जारी किया गया है, जहाँ वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
यह विधेयक अब दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाएगा, और पारित होने के बाद यह कानून बन जाएगा, जिससे दिल्ली में शिक्षा प्रणाली में नवीनतम सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।
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