दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन अपराधों में नाबालिगों के लिए एसटीडी परीक्षण पर पुलिस से जवाब मांगा
- Asliyat team

- Feb 18
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन अपराधों में आरोपी और नाबालिग पीड़ितों के परीक्षण के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
14 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करने वाली अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को तय की है।

ऐश्वर्या सिन्हा सहित याचिकाकर्ताओं ने यौन अपराधों में आरोपी और बाल पीड़ितों के यौन संचारित रोगों (एसटीडी) और यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) के लिए परीक्षण के लिए प्रत्येक हितधारक - जांच अधिकारी, अस्पताल, बाल कल्याण समितियों - की भूमिका का विवरण देने वाले दिशा-निर्देश तैयार करने और उन्हें लागू करने के निर्देश मांगे हैं।
याचिका में कहा गया है कि इन दिशा-निर्देशों के निर्माण और कार्यान्वयन से एक मजबूत कानूनी ढांचा तैयार होगा, जो बाल पीड़ितों के अधिकारों और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देगा, तथा यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें संभावित स्वास्थ्य जटिलताओं को रोकने के लिए समय पर चिकित्सा देखभाल मिले।
इसमें कहा गया है कि ये कदम ऐसे बाल पीड़ितों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करेंगे।
वकील काजल दलाल के माध्यम से प्रतिनिधित्व करने वाले याचिकाकर्ताओं ने कहा कि यौन उत्पीड़न के बाल पीड़ित, जो एसटीआई और एसटीडी, विशेष रूप से एचआईवी/एड्स, हेपेटाइटिस बी और ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) जैसे लाइलाज बीमारियों के संपर्क में आते हैं, उन्हें पहले 72 घंटों के भीतर चिकित्सा सहायता नहीं मिलती है, यहां तक कि उन मामलों में भी जहां घटना की तुरंत सूचना दी जाती है।







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