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जम्मू-कश्मीर और वैष्णो देवी क्षेत्र में भीषण बाढ़ और भूस्खलन

जम्मू–कश्मीर में भारी बारिश, भूस्खलन और फ्लैश बाढ़ से अब तक हुई जान-माल की क्षति की विस्तृत रिपोर्ट: वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन: ट्रिकुटा पहाड़ियों में, अर्धकुमारी मन्दिर के पास तेज बारिश के कारण पांच श्रद्धालुओं की मौत और 14 लोग घायल हो गए। कुछ की हालत अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका प्रबल है। दोडा जिले में फ्लैश फ्लड: भारी बारिश के चलते चार अन्य लोगों की जान चली गई। राज्यभर में व्यापक तबाही: हालिया भूस्खलनों और बाढ़-प्रभावित क्षेत्र में उत्तरी भारत में कुल 34 लोगों की मौत दर्ज की गई है—जिसमें लगभग 30 लोग वैष्णो देवी मंदिर के पास हुए भूस्खलन में मारे गए। वैष्णो देवी मार्ग पर पुनः व्यापक तबाही: एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, वैष्णो देवी मार्ग में एक भारी भूस्खलन ने कम से कम 31 लोगों की जान ले ली है, जिससे यात्रा ठहर गई और पुल, रेल तथा सड़कों का बुरी तरह नुकसान हुआ है।


किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से तबाही: 14 अगस्त 2025 को चोशिति गाँव में हुए क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश फ्लड में लगभग 65 लोगों की मौत, 300 से अधिक लोग घायल और करीब 200 लोग लापता हैं।


जम्मू-कश्मीर, 27 अगस्त 2025 — अत्यधिक मॉनसून वर्षा के कारण जम्मू–कश्मीर में व्यापक तबाही फैली हुई है। वैष्णो देवी मार्ग पर आए भूस्खलन में कम से कम 31 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि दोडा जिले में चार अन्य व्यक्तियों की मौत और अर्धकुमारी के पास पांच श्रद्धालुओं व 14 घायल बताए गए हैं। इसके अतिरिक्त, किश्तवाड़ जिले के चोशिति गांव में 14 अगस्त को हुए क्लाउडबर्स्ट व फ्लैश बाढ़ में लगभग 65 लोगों की मौत, 300 से अधिक घायल और लगभग 200 लापता हैं। Associated Press की रिपोर्ट के अनुसार, जून से अब तक भारतीय-administered कश्मीर में कुल 65 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि पड़ोसी पाकिस्तान में भी बाढ़ से 800 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय अधिकारी राहत कार्य में जुटे हैं। यात्रा मार्गों और रेलवे नेटवर्क को बंद कर दिया गया है। अभी भी बारिश का दौर जारी है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में और तबाही की आशंका बनी हुई है। इससे यह स्पष्ट है कि प्रशासन को न सिर्फ तत्काल राहत, बल्कि दीर्घकाल में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की भी आवश्यकता है।

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