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ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या मामले पर रिपोर्ट

घटना और संदिग्धों की भूमिका

  • 28 वर्षीया निक्की भाटी को कथित रूप से दहेज की मांग के चलते उनके पति विपिन भाटी और ससुराल वालों ने अग्नि श्रुति अर्पित कर दिया। निक्की को गंभीर जलने की चोटें लगने के बाद फोर्टिस, ग्रेटर नोएडा ले जाया गया, वहां से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई ।

  • पुलिस ने FIR में पति विपिन, सास दया, देवर रोहित और ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारियां कीं ।


विस्तृत पृष्ठभूमि और जांच

  • निक्की और उनकी बहन कंचन ने 2016 में विपिन और रोहित भाटी से विवाह किया था। शादी करते समय निक्की के परिवार ने स्कॉर्पियो, मोटरसाइकिल और सोने की गहने सहित महंगे उपहार दिए, बावजूद इसके ससुराल की ओर से ₹36 लाख की मांग लगातार बढ़ती गई ।

  • विवाद का एक कारण निक्की द्वारा ब्यूटी पार्लर फिर से खोलने और सोशल मीडिया पर रील्स पोस्ट करने की इच्छा भी रहा, जिसे उनके पति ने सख्ती से मना कर दिया था ।


नया मोड़: परिवार का बचाव

  • हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें विपिन और उनका पिता घटना के वक्त घर के बाहर मौजूद दिख रहे हैं, जिससे उनकी संलिप्तता पर सवाल उठ रहे हैं ।

  • साथ ही, कुछ लोग निक्की की आलीशान जिंदगी—मर्सिडीज ड्राइविंग और महंगी खरीदारी—का हवाला देते हुए दहेज उत्पीड़न की कहानी पर पुनर्विचार कर रहे हैं।


परिवार की प्रतिक्रिया और सार्वजनिक मांग

  • निक्की के पिता ने आरोपियों को "कातिल नहीं बल्कि नरभक्षी" करार देते हुए उन्हें गंभीर दंड और घरों की ध्वस्तीकरण की मांग उठाई है ।

  • राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी पुलिस के डीजीपी को तीन दिनों में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने और सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है ।


हालिया खुलासे और सामाजिक प्रभाव

  • खबर आई है कि दहेज की सूची में ससुर द्वारा खरीदी गई ऑडी कार भी शामिल थी, जिस पर विपिन की नजर बनी हुई थी—यह विवाद का एक नया पहलू है ।

  • सोशल मीडिया पर निक्की का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह मर्सिडीज चला रही थी—जो अब दुःख और गुस्से की भावना लेकर सामने आया है और लोगों में न्याय की मांग को तेज कर रहा है ।


निष्कर्ष

ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या मामला एक दर्दनाक और खौफनाक घटना है, जिसने कानून और समाज दोनों की साख पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। चाहे वह दहेज मांग को लेकर उत्पीड़न हो, व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिरोध हो या न्याय व्यवस्था की जवाबदेही—हर पहलू पर गहन जांच और सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

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