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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के पंजाब दौरे का संक्षिप्त विवरण


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4 से 5 सितंबर 2025 को, चौहान पंजाब के बाढ़ग्रस्त अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों का दौरा करने पहुँचे। उन्होंने किसानों और प्रभावित लोगों से मिलकर फसल नुकसान का जायजा लिया—कई इलाकों में धान पूरी तरह डूब चुका था, और मिट्टी-कीचड़ खेतों में जमा थी। उन्होंने पंजाब सरकार को नदी-तटबंध (एम्बैंकमेंट्स) को पुनर्निर्मित और मजबूत करने की सलाह दी, और आरोप लगाया कि अवैध खनन की वजह से ये तटबंध कमजोर हुए, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई। शॉर्ट-, मिड- और लॉन्ग-टर्म योजनाओं के ज़रिए पुनर्निर्माण करने की बात कही, और मृत पशुओं के निराकरण व खेतों से कीचड़ हटाने जैसी सावधानियों पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रभावित किसानों और लोगों के साथ खड़ी है। चौहान बाढ़ प्रभावित खेतों में ट्रैक्टर चलाकर प्रवेश किए, खेतों में पानी और कीचड़ के बीच फसल की स्थिति को निहारा, और गांव-गांव जाकर स्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव किया। उन्होंने इसे एक "जल-प्रलय" बताया और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पंजाब कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुद्दियन ने आगाह किया कि लाखों एकड़ क्षेत्र प्रभावित हुआ है और मौजूदा ₹6,800 प्रति एकड़ मुआवज़ा पर्याप्त नहीं है—उन्होंने ₹50,000 प्रति एकड़ की मांग की तथा केंद्र से रु. 8,000 करोड़ के फंड जारी करने की अपील की।

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