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केंद्र मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंधूर पर चर्चा के लिए तैयार, कहते हैं किरण रिजिजू

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री, श्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार मानसून सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंधूर पर चर्चा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह बयान उन्होंने संसद में दिया, जहां उन्होंने इस मामले की संवेदनशीलता और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया।


रिजिजू ने कहा, "ऑपरेशन सिंधूर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। मानसून सत्र में हम इस पर विस्तृत चर्चा करेंगे और सभी पहलुओं पर विचार करेंगे। यह केवल सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की सुरक्षा रणनीति और राष्ट्रीय हित से जुड़ा हुआ है।"


सरकार का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार से अधिक स्पष्टता की मांग की है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंधूर के परिणाम और उसकी कार्यप्रणाली को लेकर सरकार ने अभी तक पूरी जानकारी नहीं दी है। कई नेताओं ने सरकार से यह पूछा कि ऑपरेशन की सफलता के बारे में क्या ठोस आंकड़े हैं और क्या यह सुरक्षा पर दी गई सरकार की अन्य योजनाओं से मेल खाता है।


केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंधूर एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है और इसे संसद में चर्चा के लिए रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में विपक्ष और सभी अन्य पक्षों से संवाद करने के लिए तैयार है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस ऑपरेशन से संबंधित सभी पहलुओं पर विस्तार से विचार किया जाए।


किरन रिजिजू ने यह भी कहा कि सरकार इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की पारदर्शिता से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंधूर की रणनीति और उसके कार्यान्वयन से संबंधित सभी जानकारी उचित समय पर संसद के समक्ष रखी जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर चर्चा केवल सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जनता की भलाई और सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण से की जाएगी।

सरकार का मानना है कि इस मामले पर संसद में चर्चा से ऑपरेशन सिंधूर की कार्यप्रणाली और उसके परिणामों पर विस्तार से विचार किया जा सकेगा, जिससे किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति दूर हो सकेगी और सभी पक्षों को संतुष्ट किया जा सकेगा।इसके साथ ही, यह भी उम्मीद की जा रही है कि मानसून सत्र में इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं से भी सवाल पूछे जाएंगे और सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर मिलेगा।

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