अमेरिका–भारत रिश्तों पर ट्रम्प की टिप्पणी और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
- Asliyat team
- 8 hours ago
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका ने “भारत और रूस को सबसे गहरे, सबसे अंधेरे चीन को खो दिया”। यह टिप्पणी उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा करते हुए की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नज़र आ रहे थे। बयान के बाद अमेरिकी मीडिया और रणनीतिक विशेषज्ञों में चर्चा तेज़ हो गई। कई विश्लेषकों का मानना है कि ट्रम्प का यह संदेश अमेरिका-भारत संबंधों में उभर रही चुनौतियों को उजागर करता है।
टैरिफ विवाद और ट्रम्प का सफ़ाई भरा रुख
थोड़े समय बाद, ट्रम्प ने रिपोर्टरों से बातचीत में यह स्पष्ट किया कि वे वास्तव में ऐसा नहीं सोचते कि अमेरिका ने भारत को खो दिया है। उन्होंने भारत को “हमेशा का दोस्त” बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को “महान नेता” कहा। हालांकि, उन्होंने भारत द्वारा रूस से सस्ते तेल आयात पर नाराज़गी ज़रूर जताई और इसी कारण अमेरिका ने 50% तक के भारी शुल्क (टैरिफ) लगाने का फैसला किया।
मोदी की गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रम्प की मित्रता-पूर्ण टिप्पणी पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे ट्रम्प की भावनाओं की “पूरी तरह सराहना और प्रत्युत्तर” करते हैं। मोदी ने दोहराया कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध केवल रणनीतिक ही नहीं बल्कि “व्यापक और वैश्विक साझेदारी” के रूप में और गहराते जा रहे हैं।
कूटनीतिक महत्व
यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब भारत, रूस और चीन एक साथ शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और ब्रिक्स जैसे मंचों पर सक्रिय हैं। वहीं अमेरिका-भारत रिश्तों में व्यापारिक मतभेद और टैरिफ का मुद्दा चर्चा का केंद्र है।विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही आर्थिक नीतियों को लेकर तनाव उभर सकता है, लेकिन दोनों देशों के बीच सुरक्षा, तकनीक और भू-रणनीतिक साझेदारी इतनी गहरी है कि रिश्तों में कोई बड़ा दरार आने की संभावना कम है।
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