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ISS पर शुभांशु शुक्ला प्रमुखदान के साथ कैंसर कोशिकाओं पर रिसर्च, धरती पर बेहतर इलाज की उम्मीद

भारतीय वायुसेना के Group Captain शुभांशु शुक्ला, जो Axiom‑4 मिशन के तहत ISS में हैं, ने कैंसर पर आधारित प्रयोगों में अहम भूमिका निभाई है। वरिष्ठ अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन के नेतृत्व में आयोजित “Cancer in LEO‑3” अध्ययन में ट्यूमर ऑर्गनॉइड्स और 'ट्रिपल‑नेगेटिव' ब्रैस्ट कैंसर सेल्स पर माइक्रोग्रैविटी का असर देखा जा रहा है। इस रिसर्च का उद्देश्य ड्रग ट्रीटमेंट पर अधिक प्रभावी और क्लीनिकल ऑब्जर्वेशन देना है जो धरती पर बेहतर इलाज की संभावनाएं खोल सकता है ।


इस मिशन का दूसरा प्रमुख अध्ययन स्पेस माइक्रोएल्गी पर है, जिसमें शुक्ला नमूनों के बैग स्थापित कर माइक्रोग्रैविटी में इनकी ग्रोथ पर फोटो और डेटा इकट्ठा कर रहे हैं जो भविष्य में अंतरिक्ष-आधारित खाद्य प्रणालियों के विकास में सहायक होंगे ।


एस्ट्रोनेटिक दृष्टिकोण से यह मिशन बहुआयामी है यह कैंसर, मानव स्वास्थ्य (दिल, मस्तिष्क, मांसपेशियाँ), कृषि (स्प्राउट्स, एल्गी), और न्यूरो-मोटर गतिविधि जैसे क्षेत्रों में डेटा प्रदान करते हुए भविष्य की मानव अंतरिक्ष यात्रा को सशक्त करेगा ।


यह प्रयोग न केवल वैश्विक कैंसर अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा, बल्कि धरती पर कैंसर जैसे घातक रोगों में उन्नत उपचार विधियों की राह भी खोल सकता है। माइक्रोग्रैविटी में कोशिका व्यवहार की समझ से दवाइयों की प्रभावशीलता व लक्ष्यन निर्धारण में क्रांतिकारी बदलाव संभव है। शुक्ला जैसे भारतीय वैज्ञानिक के सहयोग से यह मिशन भारत को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान में दृढ़ पायदान पर ले आया है।



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