DGCA ने दिल्ली- मुंबई हवाई अड्डों की उड़ान संचालन में कई खामियां पाईं, सुरक्षा समीक्षा तेज़
- Asliyat team
- Jun 24
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DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों के विमान संचालन, रनवे अवस्थिति, विमान रखरखाव और पायलट ट्रेनिंग के दौरान कई जोखिमपूर्ण कमियों की पहचान की है। यह जानकारी आज एक विशेष सुरक्षा ऑडिट के दौरान सामने आई, जिसमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्र कवर किए गए, और तुरंत सुधार की चेतावनी दी गई ।
DGCA की टीम ने फेड रनवे मार्किंग्स जैसे बुनियादी मुद्दे नोट किए, जो पायलटों के लिए दृश्यता को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, फ्लाइट सिमुलेटर को वास्तविक विमान कॉकपिट विन्यास के साथ मैच नहीं पाया गया, जिससे ट्रेनिंग की विश्वसनीयता पर सवाल उठे । एयरक्राफ्ट में बने तकनीकी लॉगबुक में, दोष रिपोर्ट दर्ज न होना, लाइफ वेस्ट के अनुचित स्थान पर न होना, और इंजन थ्रस्ट रिवर्सर व फ्लैप स्लैट लीवर की रखरखाव त्रुटियाँ भी सामने आईं। इसी तरह ग्राउंड हैंडलिंग उपकरणों की खराब स्थिति और रनवे के आसपास निर्माण कार्य के कारण व्यवधान भी चिन्हित किए गए ।
DGCA ने केवल तकनीकी समस्याओं को ही उजागर नहीं किया, बल्कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल, कम्युनिकेशन, नेविगेशन और प्री‑फ्लाइट मेडिकल प्रक्रियाओं में भी अनियमितताएँ पाईं। विशेष तौर पर, विमान रखरखाव इंजीनियर्स (AMEs) द्वारा आवश्यक सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन नहीं होना, यह गंभीर संकेत है कि मौजूदा सुधार पर्याप्त नहीं हैं ।
DGCA ने इन कमियों को तुरंत प्रभाव से ठीक करने को कहा है और संबंधित एयरलाइंस, एयरपोर्ट संचालन एजेंसियों तथा ग्राउंड हैंडलिंग स्टेकहोल्डर्स को 7 दिनों के भीतर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि तेलंगाना, हैदराबाद और कोलकाता जैसे अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर भी इसी तरह के समग्र ऑडिट किए जाएंगे।
इस पहल का मकसद भारत की वायु सुरक्षा मानकों को एक व्यापक और सिस्टम-आधारित तरीके से मजबूत करना है। DGCA प्रमुख फ़ैज़ अहमद किदवई ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब सिर्फ़ व्यक्तिगत निरीक्षण नहीं, बल्कि हेलीकॉप्टर से रनवे तक, ट्रेनिंग सिमुलेटर से तकनीकी लॉगबुक तक सभी पहलुओं को समग्र दृष्टिकोण से देखा जाएगा। अगर सुधारात्मक कार्य को समय पर लागू नहीं किया गया, तो DGCA फाइन, लाइसेंस जारी या निलंबन जैसे कारवाई के विकल्प अपना सकता है ।
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