BRO ने पूर्वी लद्दाख में सभी मौसमों में संपर्क के लिए टनल और पास निर्माण की योजना बनाई
- Asliyat team

- Aug 4
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बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) पूर्वी लद्दाख में पूरे साल सुगम सड़क संपर्क सुनिश्चित करने के लिए कई सुरंगों और ऊंचे दर्रों (पास) के निर्माण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। परियोजना हिमांक के अंतर्गत इन क्षेत्रों में टनल बनाने की रूपरेखा लगभग तय कर ली गई है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) अंतिम चरण में है।
BRO के वरिष्ठ अधिकारी कर्नल दीपक पलांडे के अनुसार, संगठन ने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जहाँ सर्दियों में भारी बर्फबारी के चलते संपर्क बाधित हो जाता है। इसलिए अब रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दर्रों के नीचे सुरंगें बनाने की योजना पर काम चल रहा है ताकि पूरे साल आवागमन बना रहे। इन सुरंगों से न सिर्फ सेना की तैनाती में मदद मिलेगी, बल्कि सीमावर्ती गांवों को भी बेहतर संपर्क मिलेगा।

गौरतलब है कि BRO ने इससे पहले उमलिंग ला को दुनिया का सबसे ऊंचा मोटरेबल पास बनाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया था। अब वह मिग ला और मार्शिमिक ला जैसे और भी ऊंचे दर्रों पर काम कर रहा है, जिससे इन स्थानों तक संपर्क पूरे साल बना रह सके। सीमित कार्यकाल वाले क्षेत्रों में तेज़ी से निर्माण करने के लिए BRO प्री-कास्ट तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है ताकि कम समय में अधिक काम पूरा हो सके।
इन योजनाओं के तहत टांगलांग ला और बारालाचा ला जैसे दर्रों के नीचे सुरंग निर्माण की भी तैयारी की जा रही है। इससे लद्दाख को शेष भारत से जोड़ने वाले रास्तों पर मौसम की कोई बाधा नहीं आएगी और आपात स्थिति में सेना व रसद की आवाजाही बिना किसी देरी के संभव होगी।
DPR तैयार होने के बाद अगले कुछ महीनों में इन परियोजनाओं को रक्षा मंत्रालय और सरकार से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। सुरंगों के निर्माण में लगभग 5 से 7 साल का समय लग सकता है, लेकिन इसके पूरा होने पर पूर्वी लद्दाख की रणनीतिक स्थिति और आम नागरिकों की सुविधा में क्रांतिकारी सुधार आने की संभावना है।
यह पहल न केवल सैन्य दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के नजरिए से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। BRO की यह सक्रियता चीन के साथ चल रही सीमा तनातनी की पृष्ठभूमि में और भी अधिक मायने रखती है, जहां हर मौसम में सटीक और तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता बनाए रखना जरूरी हो गया है।







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