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Pune Porsche क्रैश मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी को पिता की मृत्यु पर 3‑दिन की अंतरिम जमानत दी

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने पुणे पॉर्शे हादसे से जुड़े आरोपी आदित्य अविनाश सूद को 2 अगस्त से 5 अगस्त तक तीन दिनों की अस्थायी जमानत दी है क्योंकि उनके पिता को 1 अगस्त, 2025 को हार्ट अटैक आया था और उनकी मृत्यु हो गई। इस दौरान न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की अदालत ने ₹25,000 के पीआर बांड पर यह जमानत स्वीकृत की।  


इस केस का मूल आधार 19 मई 2024 की रात का है, जब एक नशे में धुत 17‑साल का नाबालिग पुणे के कल्याणी नगर में अपनी पेरेंट्स की पॉर्शे टैयकन कार चला रहा था, जिससे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बाइक पर सवार होकर अपनी जान गंवा बैठे। आरोपी आदित्य सूद उन 10 लोगों में शामिल थे जिनपर नाबालिग ड्राइवर का रक्त परीक्षण फर्जी तरीके से बदलने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक उन्होंने खुद का खून देकर ड्राइवर का अल्कोहल टेस्ट साफ़ कराने की कोशिश की थी।



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अदालत में एडवोकेट आबिद मुलानी ने कहा कि पिता को 27 जुलाई को हार्ट अटैक आया और वे 1 अगस्त तक जीवित रहे; आरोपी पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते थे। विशेष लोक अभियोजक शिशिर हीराय ने बताया कि अभियोजन को जमानत देने में कोई आपत्ति नहीं है 



आरोपी की अंतरिम जमानत 2 से 5 अगस्त 2025 तक है, जिसमें वे पिता के अंतिम संस्कार और अंतिम संस्कार संबंधी कार्यों में शामिल हो सकेंगे। जमानत ₹25,000 के निजी आश्वासन बांड (PR bond) पर मिली है। मामला रक्त नमूना बदलने की साजिश से जुड़ा था जिसमें Sassoon Hospital और Aundh Hospital के स्टाफ समेत डॉक्टर शामिल थे। यह जमानत अन्य आरोपियों के लिए मिसाल बन सकती है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी खड़े करती है कि क्या व्यक्तिगत नुकसान की वजह से न्यायिक प्रक्रिया में अस्थायी छूट दी जा सकती है।

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