लॉटरी पर केवल राज्य ही कर लगा सकते हैं, केंद्र नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- Asliyat team

- Feb 11
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि लॉटरी की बिक्री पर केवल राज्य सरकारें ही कर लगा सकती हैं, केंद्र नहीं। जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसमें लॉटरी वितरकों पर सेवा कर लगाने के केंद्र के प्रयास को खारिज कर दिया गया, जिससे संवैधानिक सिद्धांत को बल मिला कि लॉटरी राज्यों के विशेष अधिकार क्षेत्र में आती है।
कोर्ट ने फैसला सुनाया कि संविधान में राज्य सूची की प्रविष्टि 62 के अनुसार लॉटरी को "सट्टेबाजी और जुआ" के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि केवल राज्य विधानसभाओं के पास उन्हें विनियमित करने और कर लगाने का अधिकार है।
यह फैसला तब आया है जब केंद्र ने लॉटरी के वितरण और विपणन में शामिल कंपनियों पर सेवा कर लगाने की मांग की थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि ये गतिविधियाँ वित्त अधिनियम के तहत कर योग्य "सेवाएँ" हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि राज्यों और लॉटरी वितरकों के बीच लेन-देन में कोई "सेवा" घटक नहीं था। पीठ ने स्पष्ट किया कि यह संबंध "प्रिंसिपल से प्रिंसिपल" का है न कि "प्रिंसिपल से एजेंट" का, जिसका अर्थ है कि सेवा कर लागू नहीं किया जा सकता।








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