राँथम्भौर में पांथरों की कंकाल मिलने से शिकारियों की साजिश उजागर, चिंता गहराई
- Asliyat team

- Jul 3
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राजस्थान के राँथम्भौर टाइगर रिज़र्व के पास मध्य प्रदेश में पाया गया बड़ा शिकार गिरोह दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई को सामने ला रहा है। पिछले महीने MP के श्योपुर जिले से जब्त 225 से अधिक शेर व बाघ की हड्डियों के नमूनों की जैव-वैज्ञानिक जांच के बाद पुष्टि हुई कि इनमें तीन टाइगर और एक तेंदुआ शामिल है । यह सबूत मध्य प्रदेश की स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स, राजस्थान वन विभाग और 'टाइगर वॉच' NGO की संयुक्त छापेमारी का परिणाम है, जिसमें छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया ।
जेनेटीक लैब जांच (DNA टेस्ट) से यह पता चला है कि ये बड़े बिल्ली-प्रजाति संभवतः राँथम्भौर टाइगर रिज़र्व से संबंधित हो सकते हैं। अब ये सबूत नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज़, बेंगलुरु में आगे के परीक्षण के लिए भेजे गए हैं और अनुमान है कि तीस दिनों में मुख्य दोषियों तक पहुंच मुमकिन हो सकती है ।
वन विभाग अधिकारियों का कहना है कि श्योपुर के जंगली इलाके, जो राँथम्भौर को मध्य प्रदेश के माधव रिज़र्व से जोड़ते हैं, वहां इन शिकारियों ने गुफ्तगू को अंजाम दिया। इस कनेक्टिविटी वाले क्षेत्र में तेंदुए व बाघ का आवागमन नियमित है । शिकारियों के खिलाफ अब अंतर-राज्यीय राज सीमा पार फैले आपराधिक गिरोह की जांच तेज हो चुकी है।
पर्यावरण कार्यकर्ता जय दुबे ने इस गिरोह को “संगठित केशव लुटेरा” बताते हुए CBI जांच की मांग की है, क्योंकि यह कांड सिर्फ स्थानीय नहीं बल्कि “अंतर-राष्ट्रीय जिंदा वन्यजीव तस्करी” तक जुड़ा हुआ प्रतीत होता है । वन विभाग ने पहले ही MP और राजस्थान वन अधिकारियों को एक माध्यम तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि जल्द कदम उठाकर राँथम्भौर के पाँच गायब शेरों (2022-2024) की पहचान की जा सके ।








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