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नोएडा में पुलिस चौकी के सामने महिला ने खुद को जलाया, हालत गंभीर।

नोएडा फेज-2 थाने की एनएसइजेड पुलिस चौकी के पास मंगलवार शाम को एक महिला ने खुद को आग लगा ली। गंभीर रूप से झुलसी महिला को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति नाजुक होने पर उसको दिल्ली रेफर कर दिया गया है। आरोप है कि छेड़खानी की शिकायत के बाद भी पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर यह कदम उठाया है।


NSEZ चौकी के सामने गांव इलाहबास की एक महिला दोपहर करीब दो बजे पहुंची और उसने अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली। महिला के आग लगाने के बाद मची चीख-पुकार को सुनकर मौके पर पहुंचें पुलिसकर्मियों ने आग को बुझाकर उसे कैलाश अस्पताल में पहुंचाया और वहां से गंभीर हालत देखते हुए उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रैफर कर दिया गया। आत्मदाह का प्रयास करने वाली महिला करीब 40 प्रतिशत जली है। जिसकी अस्पताल में हालत गंभीर बनी हुई है।


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सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के अनुसार पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि 14 साल पहले मेरे ससुर ने छेड़खानी करने की कोशिश की थी। इसके बाद मैंने पुलिस से मामले की शिकायत की थी और चौकी के कई चक्कर भी लगाए, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने परेशान होकर मंगलवार को चौकी के सामने खुद को आग लगा ली।



पुलिस आयुक्त कानून और व्यवस्था लव कुमार ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में पुलिस की कोई लापरवाही सामने नहीं आई है। महिला ने 20 फरवरी को शिकायत दी थी। गांव के ही दो युवक सुमित और नीरज उसे गांव में बदनाम कर रहे हैं और वह उसके साथ अभद्रता करते हैं। इसकी जांच में चौकी प्रभारी गांव गए थे और जिस युवक पर आरोप था वह सगा देवर है। नीरज और महिला में पैसे को लेकर विवाद हुआ था। नीरज और उसकी पत्नी ज्योति ने भी महिला पर आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र दिया था। इसके बाद मामले की जांच थाने की ही एक महिला उपनिरीक्षक कर रही थी और रविवार को थाने में ही दोनों पक्षों को बुलाया गया था। इसके बाद दोनों ने आपस में ही मामले को निपटाने की बात की थी। इसके बाद मंगलवार को महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया। इसकी जांच एसीपी को सौंपी है। जांच रिपोर्ट के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।


पीड़ित महिला के पति ने बताया कि उसके चार भाई और पिता सभी मिलकर पत्नी के साथ मारपीट और उत्पीड़न करते थे। इसकी शिकायत अनेक बार पुलिस से की जा चुकी थी। लेकिन पुलिस उनकी सुनवाई नहीं करती थी और आरोपियों का ही पक्ष लेती थी। इससे परेशान होकर ही उसकी पत्नी ने यह कदम उठाया है।


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