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घनश्याम नायक ने कहा था:- लोग हमें असली नाम से नहीं नट्टू काका कहकर ही बुलाते है

नट्टू काका के नाम से मशहूर घनश्याम नायक के इस दुनिया से चले जाने का सभी को अत्यंत दुःख पहुंचा है। कैंसर से पीड़ित घनश्याम नायक जी ने 76 वर्ष की उम्र में 3 अक्टूबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

घनश्याम जी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वे स्टेज के पुराने कलाकार हैं, उन्होंने 100 नाटकों में काम किया है। उन्होने कम से कम 250 गुजराती और हिंदी फिल्मों में काम किया हैं। इसके अलावा उन्होंने 350 सीरियलों में भी काम किया। उनके पापा और दादा जी भी रंगमंच के महान कलाकार थे।


घनश्याम जी को जो पहचान मिली वो उन्हें नट्टू काका के किरदार से मिली। बाहर लोग उन्हें नट्टू काका के नाम से ही जानते थे। उन्होंने एक बार इंटरव्यू में बताया था कि वे कही भी जाते हैं तो लोग उन्हें नट्टू काका कहकर संबोधित करते हैं, उन्होंने कहा कि - "मैं बैंक जाता हूँ तो कहते हैं- नट्टू काका आपका पासबुक तैयार है, रेलवे स्टेशन जाता हूँ तो कहते हैं- नट्टू काका आप लाइन में क्यों खड़े हैं अंदर आइये, प्लेन में जाता हूँ तो पायलट बोलते हैं- नट्टू काका आपके साथ एक फोटो निकलवानी है। हर जगह नट्टू काका को इतना प्यार मिला है कि लोग हमारा असली नाम भूल ही गए हैं।



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लोग हमें असली नाम से नहीं नट्टू काका कहकर ही बुलाते है


'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सीरियल के जेठा लाल के असिस्टेंट नट्टू काका ने लोगों के दिलो में अपनी अलग जगह बना ली थी। उनके बोलने का अंदाज, जबाव देने का तरीका और उनके अंग्रेजी बोलने के लहजे, लोंगो के चेहरे पर हंसी लाते थे। सीरियल में नट्टू काका और बाघा की जोड़ी लोकप्रिय थी। दोनों के बीच बेहद प्यार और हल्की नोकझोक लोंगो को हँसाती थी।


एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि घनश्याम जी ने अपनी आखिरी इच्छा बताई थी जिसमे उन्होंने कहा था कि वे मेकअप में ही इस दुनिया को छोड़कर जाना चाहते है। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के सभी कलाकार एक परिवार की तरह हैं और नट्टू काका की इनमे खास जगह थी। घनश्याम नायक ने नट्टू काका बनकर हमें ख़ूबसूरत और मुस्कान भरी यादें दी। उनके लिए हम सभी के दिलों में हमेशा एक खास जगह रहेगी।

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