दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने संस्कृत को 'वैज्ञानिक' और 'कंप्यूटर-फ्रेंडली' भाषा बताया, NASA के शोध का हवाला दिया
- Asliyat team
- 22 hours ago
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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को संस्कृत को "सबसे वैज्ञानिक" और "कंप्यूटर-फ्रेंडली" भाषा करार देते हुए कहा कि NASA के वैज्ञानिकों ने भी इसके वैज्ञानिक स्वरूप को स्वीकार किया है। उन्होंने यह टिप्पणी 23 अप्रैल से शुरू हुए 15 दिवसीय संस्कृत शिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में की, जिसे दिल्ली सरकार ने NGO संस्कृत भारती के सहयोग से आयोजित किया था ।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, "यह केवल अतीत की भाषा नहीं है, बल्कि भविष्य की भाषा है। NASA के वैज्ञानिकों ने इस पर शोध पत्र लिखे हैं, जो इसके वैज्ञानिक ढांचे और कोडिंग क्षमताओं को उजागर करते हैं। संस्कृत सबसे कंप्यूटर-फ्रेंडली भाषा है।" गुप्ता का यह दावा 1985 में प्रकाशित एक शोध पत्र पर आधारित है, जिसका शीर्षक था 'Knowledge Representation in Sanskrit and Artificial Intelligence'। यह शोध NASA एम्स रिसर्च सेंटर के शोधकर्ता रिक ब्रिग्स द्वारा लिखा गया था, जिसमें उन्होंने संस्कृत के व्याकरणिक ढांचे और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में इसके संभावित उपयोग की चर्चा की थी
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संस्कृत भारतीय संस्कृति की आधारशिला है और कई भारतीय भाषाओं की मूल भाषा है। उन्होंने कहा, "हर राज्य की एक मातृभाषा होती है, लेकिन वास्तव में संस्कृत हमारी मातृभाषा है, क्योंकि हर भाषा संस्कृत से उत्पन्न हुई है। हिंदी, मराठी, बंगाली, सिंधी, मलयालम — ये सभी संस्कृत की शाखाएं हैं।"
गुप्ता ने समाज में विदेशी भाषाओं के प्रति झुकाव और संस्कृत के प्रति उपेक्षा पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "अगर हमारे बच्चे फ्रेंच, जर्मन या अंग्रेजी धाराप्रवाह बोलते हैं, तो हम उन्हें बहुत बुद्धिमान मानते हैं और उस पर गर्व करते हैं। लेकिन जब कोई बच्चा उसी धाराप्रवाहता से संस्कृत बोलता है, तो उसे उतना महत्व नहीं दिया जाता। यह मानसिकता बदलनी चाहिए।"
दिल्ली सरकार ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए 23 अप्रैल से 1,008 स्थानों पर मुफ्त संस्कृत कक्षाएं आयोजित की थीं, जिनमें स्कूल, कॉलेज और मंदिर शामिल थे। इन कक्षाओं में प्रतिदिन दो घंटे के सत्र आयोजित किए गए, जिनमें भाषा की मूल बातें सिखाई गईं । इस कार्यक्रम के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह भी उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में संस्कृत शिक्षण को और अधिक सुलभ और आकर्षक बनाने के लिए प्रयासरत है, ताकि युवा पीढ़ी इस भाषा को अपनाने के लिए प्रेरित हो। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है, जहां कुछ लोगों ने इसे सांस्कृतिक गर्व का विषय बताया, जबकि अन्य ने इसकी वैज्ञानिकता पर सवाल उठाए।
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